टूटी हुई चुडिओयों से जुड़ती है कलाई
पुराने हुए दुपट्टे पर करती है सिलाई
दिलबर से बेवजह से हे करती है लड़ाई
उधेड़ दी है उसने रिश्तो तुरपाई
सिसकती हुयी सुर्ख नींदो में रात उसने है बिताई
रेशमी रुमाल पर करती तेरे नाम की कड़ाई
सख्त मुकदर पर नरम चाहते की है बुनाई
खली से खवाब खुली आँखों से देख आयी
इश्क़ की पौड़ी पर करती है चढाई
टाल देती है कहकर की याद तेरी कभी नहीं आयी
पुराने हुए दुपट्टे पर करती है सिलाई
दिलबर से बेवजह से हे करती है लड़ाई
उधेड़ दी है उसने रिश्तो तुरपाई
सिसकती हुयी सुर्ख नींदो में रात उसने है बिताई
रेशमी रुमाल पर करती तेरे नाम की कड़ाई
सख्त मुकदर पर नरम चाहते की है बुनाई
खली से खवाब खुली आँखों से देख आयी
इश्क़ की पौड़ी पर करती है चढाई
टाल देती है कहकर की याद तेरी कभी नहीं आयी
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