Saturday, January 27, 2018

Aseem Aparampaar Hai

भ्रम की हकीकत है
सपनों का सार है
कल्पनाओं का यथार्थ है
प्रतिमाओं में ढाला नहीं जा सकता
मालाओं में पिरोया नहीं जा सकता
वो असीम अपरम्पार है
रचनाओं का आगाज़ है
प्रेरणाओं की आवाज़ है
प्रतिमाओं में ढाला नहीं जा सकता
मालाओं में पिरोया नहीं जा सकता
वो असीम अपरम्पार है
चाहतों की वजह है
वो राहतों का सबब है
प्रतिमाओं में ढाला नहीं जा सकता
मालाओं में पिरोया नहीं जा सकता
वो असीम अपरम्पार है
होने से उसके उदासी उदास लगती नहीं
मुफ़लिसी में भी कोई कमी खलती नहीं
प्रतिमाओं में ढाला नहीं जा सकता
मालाओं में पिरोया नहीं जा सकता
वो असीम अपरम्पार है
आस्था का दर्शन है
अस्तित्व का वो दर्पण है
प्रतिमाओं में ढाला नहीं जा सकता
मालाओं में पिरोया नहीं जा सकता
वो असीम अपरम्पार है


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