Wednesday, January 24, 2018

Kya Tum Bhi?

क्या तुम भी मझसे मुँह मोड़ लोगे ?
बिच राह में हे साथ छोड़ दोगे ?
क्या तुम्हे पहचानने में गलती तो नहीं की ?
तुम्हारे करीब आने में कोई जल्दी तो नहीं की ?
क्या तुम भी उमीदे मेरी पैरो टेल रौंद दोगे ?
क्या तुम भी मन भर जाने पर मझे छोड़ दोगे ?
क्या तुम भी हसीन खाली खवाब बुनोगे ?
कुछ खास बात मुझ में से चुनोगे ?
क्या तुम भी मन भर जाने पर मझे छोड़ दोगे ?
क्या तुम भी मुझे मेरी खामियां गिनवाओगे ?
क्या तुम मुझसे दूर रह पाओगे ?
क्या तुम भी मन भर जाने पर मझे छोड़ दोगे ?
क्या तुम भी मुझे जगाकर,
नींदे मेरी चुराकर
मेरे जिस्म को अपनी राहतों का सबब बनाकर ?
बदले में कुछ नहीं तो अपनी छाप छोड़ दोगे ?
क्या तुम भी मन भर जाने पर मझे छोड़ दोगे ?
क्या तुम खिलौना मानकर टुकड़ा -टुकड़ा मुझे तोड़ दोगे ?
क्या तुम भी मन भर जाने पर मझे छोड़ दोगे ?





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