घर तोड़कर छत ले आया हूँ
जान मांगी थी जान ले आया हूँ
एहसान नहीं है कोई तेरी अमानत तेरे पास ले आया हूँ
आग लगायी थी तूने ,भुजा मै आया हूँ
घर तोड़कर छत ले आया हूँ
तू तो करती है नज़रअंदाज़,तेरी याद के साथ रात बिता आया हूँ
अब मत शर्माना पर्दो की परतो में लाली चेहरे पे ले आया हूँ
घर तोड़कर छत ले आया हूँ
तेरी कशिश है की नफरत में ताज़ा गुलदस्ता ले आया हू
बहुत तप चुके है,सुर्ख नींदो के लिए खाली से खवाब ले आया हूँ
फ़िक्र मत कर झोली भर कर उमीदे ले आया हूँ
घर तोड़कर छत ले आया हूँ
जान मांगी थी जान ले आया हूँ
जान मांगी थी जान ले आया हूँ
एहसान नहीं है कोई तेरी अमानत तेरे पास ले आया हूँ
आग लगायी थी तूने ,भुजा मै आया हूँ
घर तोड़कर छत ले आया हूँ
तू तो करती है नज़रअंदाज़,तेरी याद के साथ रात बिता आया हूँ
अब मत शर्माना पर्दो की परतो में लाली चेहरे पे ले आया हूँ
घर तोड़कर छत ले आया हूँ
तेरी कशिश है की नफरत में ताज़ा गुलदस्ता ले आया हू
बहुत तप चुके है,सुर्ख नींदो के लिए खाली से खवाब ले आया हूँ
फ़िक्र मत कर झोली भर कर उमीदे ले आया हूँ
घर तोड़कर छत ले आया हूँ
जान मांगी थी जान ले आया हूँ
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