ये भी कोई काम हुआ
चाहतो में बदनाम हुआ
जितना नीचे गिरा वो
उतना बड़ा नाम हुआ
मेरी वफाओं का
धोखा ईनाम हुआ
शराफ़तो के चक्कर मे
हुजूम मे गुमनाम हुआ
पिघलती धूप है वो
मै ढलती श्याम हुआ
दर्द के बाज़ार में
हस-हस कर नीलाम हुआ
कैसा आगाज़ था ये
हाय! कैसा अंजाम हुआ
जान देकर भी
मै ना उसकी जान हुआ
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