Sunday, January 31, 2021

Kisan

 मैंने हसीन मंज़र  देखा

हल जोतते हाथों  में  ख़ंज़र देखा


ये इश्क है की उन्हें खुद के लिए लड़ते देखा

निहत्थी सरकारो को डरते देखा

मैंने हसीन मंज़र देखा 


आखिर वक्त है इंसानियत का मैंने दया को मरते देखा 

चिंगारी को आग में बदलते देखा 

मैंने हसीन मंज़र देखा


बेशर्मी से जो हो रहा है उसे होते हुए देखा 

आराम छोड़कर सड़को पर सोते देखा

मैंने हसीन मंज़र देखा

No comments:

Post a Comment