पत्थर है वो
आदत है मेरी बहने की
दिल ही काफी है
ओकात नहीं महलों में रहने की
निकाह कर बैठा हुं तेरी रूह से
हिम्मत नहीं है कहने की
बेहद हो गए हैं सितम उसके
मेरी भी ज़िद्द है सह
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