Tuesday, July 24, 2018

Hadh se Guzar Gaye

मेरे मथे तूने अपने गुनाह कर दिए
नशे में तो जहाँ है सारा
पाँव क्या लडखडाये मेरे
तूने अपने इरादे  बदल दिए
तू होश में होकर मधहोश रहता है
बस मेरे लक्षण कुछ ऐसे थे जो छुप ना सके
कमाल है तेरी वफ़ा का इंतज़ार किया मैंने
और तुम दुसरो की राह पर दिए
आदत थी मुझे धोखो की
आह मेरी निकली तब तूने ज़ख्म हरे कर दिए
तुम नापते रहे हद मेरी
और एक हम थे पागल जो हद से गुज़र से गए

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