Monday, June 4, 2018

Ab Bhi Baaki Hai

एक बड़े से घर में
कोने की तलाश है
खो चूका हु
फिर भी तुम्हे पाने की आस अब भी बाकी है

समुन्दर सा भरा हु मै
फिर भी तुझे छूने की प्यास अब भी बाकी है

कट के गिर गयी है जुबां
पर तेरे लफ्ज़ का स्वाद अब भी बाकी है

ठंडी पर चुकी है राख
पर तुझ में जलने की आग अब भी बाकी है



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