मखमल सी को पत्थर बनते हुए देखा
ढ़कते हुए दिल को टुटते हुए देखा
साथ जनमो का छूटते हुए देखा
खुद को खुद से रूठते हुए देखा
उजड़े हुए को लूटते हुए देखा
नमकीन झरना फूटते हुए देखा
इससे बत्तर भी कोई मंज़र देखा
सपनो को हकीकतों की चिता पर जलते हुए देखा
आस को उम्र के साथ गलते हुए देखा
तुझे मेरे लिए लड़ते हुए देखा
तन्हाई को डरते हुए देखा
खुद को तुझ में खोते हुए देखा
तू क्या जानेगा हद्द मेरी मैंने तुझ में इश्क़ को जीते मरते हुए देखा
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