दरिया ऐ उल्फत के किनारे खड़े होकर
कितने हे थे जो बर्बाद हो गए
कुछ हिम्मतवाले थे
इश्क़ के लिए वो आबाद हो गए
वो एक हे बार में पार हो गए
शोले की आग में जल कर तप चुके थे
लड़ते लड़ते दुनिया से हज़ारों मौते मर चुके थे
राम नाम क्या लेते वो
उनके सांसें जप्ती माला मेहबूब की
सजदे किये हैं जिसके लिए
जिन में परवर दीगर छुपा
जिसके लिए यह हाथ हर दम हे दुआ करते हैं
दरिया-ऐ -उल्फत सब्र के सरे बांध तोड़ दे
इंतेज़ार की हद्द मिटा दे
गम के रुख मोड़ दे
लड़ कर, कट कर डर कर, मर कर
पहुंचा फिर भी उसके दर पर
इश्क़ ऐसा की कायनात भी सलाम करे
जिगरवाले थे तो प्यार के लिए बदनाम हुए
बेसहारा थे मगर फिर भी बेडा पार हुए
कितने हे थे जो बर्बाद हो गए
कुछ हिम्मतवाले थे
इश्क़ के लिए वो आबाद हो गए
वो एक हे बार में पार हो गए
शोले की आग में जल कर तप चुके थे
लड़ते लड़ते दुनिया से हज़ारों मौते मर चुके थे
राम नाम क्या लेते वो
उनके सांसें जप्ती माला मेहबूब की
सजदे किये हैं जिसके लिए
जिन में परवर दीगर छुपा
जिसके लिए यह हाथ हर दम हे दुआ करते हैं
दरिया-ऐ -उल्फत सब्र के सरे बांध तोड़ दे
इंतेज़ार की हद्द मिटा दे
गम के रुख मोड़ दे
लड़ कर, कट कर डर कर, मर कर
पहुंचा फिर भी उसके दर पर
इश्क़ ऐसा की कायनात भी सलाम करे
जिगरवाले थे तो प्यार के लिए बदनाम हुए
बेसहारा थे मगर फिर भी बेडा पार हुए
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