ये जो मुझे छूकर गुज़रा
ये गुज़रा हुआ वक़्त है
चार कदम क्या चला मै
मेरी पहुँच से आगे तैनात मेरा वक़्त है
जिसे छोड़कर आया था मैं पीछे कही
वो साथ है अब भी ,केसा गजब वक़्त है
सितम देख तू ,बेगुनाह पर है इलज़ाम सभी
मत पूछ कितना बुरा वक़्त है
शौहरते हूँ मुबारक मुझे
ये मेरा वक़्त है
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