सोच रहा हूँ की किस तरह अपने विचलित मन को आवारा होने से रुको, यह मन भी किसी अल्हड ज़िद्दी बच्चे जैसा है जो मेरी सलाह पर गौर करना तो दूर उसे बड़ी हे बत्तमीज़ी से अनसुना कर देता है, मै लाख समझाता हूँ उसे पर उसने आजतक मेरी सुनी कहाँ है, जो जी में आता है कर देता है , जैसी भी हो बात मुंहफट की तरह बक देता है। काश की कोई टोना-टोटका होता जिससे मैं अपने मैं को वश में कर सकता, मुठी में बंद कर रख सकता जिस तरह शिव की जट्टाओं में चंचल गंगा। मेरी इस परेशानी को देखर मेरा मन मेरा मज़ाक बनता है, मैं उपहास का पात्र बन गया हूँ उसके लिए। इम्तेहान नज़दीक हैं और वक़्त है की कछुए की चाल चल रहा है अब अगर ऐसे में कलम उठाने भी तो मेरे ख्यालों के धागे अपने आप हे सुलझ जायेंगे, खुलकर बेहया से बेशरम से बेलगाम घोड़े की तरह दौड़ते फिरने लगेंगे और मैं असमर्थ सा अपने लाचारी का तमाशा देखता रहूंगा, वो तपते जलते हुए शोले के समान आकाश से बरसेंगे, अगर यह सब्र का बांध टूट गया तो मेरे ख्याल विनशकाये सैलाब बनकर उमड़ेगा और मुझे भी उस बहाव में बहाकर ले जायेगा।
Friday, May 12, 2017
Thursday, May 4, 2017
Dariya-ae-Ulfat
दरिया ऐ उल्फत के किनारे खड़े होकर
कितने हे थे जो बर्बाद हो गए
कुछ हिम्मतवाले थे
इश्क़ के लिए वो आबाद हो गए
वो एक हे बार में पार हो गए
शोले की आग में जल कर तप चुके थे
लड़ते लड़ते दुनिया से हज़ारों मौते मर चुके थे
राम नाम क्या लेते वो
उनके सांसें जप्ती माला मेहबूब की
सजदे किये हैं जिसके लिए
जिन में परवर दीगर छुपा
जिसके लिए यह हाथ हर दम हे दुआ करते हैं
दरिया-ऐ -उल्फत सब्र के सरे बांध तोड़ दे
इंतेज़ार की हद्द मिटा दे
गम के रुख मोड़ दे
लड़ कर, कट कर डर कर, मर कर
पहुंचा फिर भी उसके दर पर
इश्क़ ऐसा की कायनात भी सलाम करे
जिगरवाले थे तो प्यार के लिए बदनाम हुए
बेसहारा थे मगर फिर भी बेडा पार हुए
कितने हे थे जो बर्बाद हो गए
कुछ हिम्मतवाले थे
इश्क़ के लिए वो आबाद हो गए
वो एक हे बार में पार हो गए
शोले की आग में जल कर तप चुके थे
लड़ते लड़ते दुनिया से हज़ारों मौते मर चुके थे
राम नाम क्या लेते वो
उनके सांसें जप्ती माला मेहबूब की
सजदे किये हैं जिसके लिए
जिन में परवर दीगर छुपा
जिसके लिए यह हाथ हर दम हे दुआ करते हैं
दरिया-ऐ -उल्फत सब्र के सरे बांध तोड़ दे
इंतेज़ार की हद्द मिटा दे
गम के रुख मोड़ दे
लड़ कर, कट कर डर कर, मर कर
पहुंचा फिर भी उसके दर पर
इश्क़ ऐसा की कायनात भी सलाम करे
जिगरवाले थे तो प्यार के लिए बदनाम हुए
बेसहारा थे मगर फिर भी बेडा पार हुए
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