जो खुद में मिसाल है, उसकी कया मिसाल दु
मकान मालिक है वो मेरे दिल का,किराएदार समझ कैसे निकाल दु
हैसियत है उसकी, कोई एरा-गैर नहीं जो धितकार दु
तिल-तिल कर तड़प है अब कया हिसाब दु
बनती-बनती बात बनी है, बात कैसे बिगाड़ दु
साया उसका करता है राखी, खुद को कैसे संभाल लु
राम मिलाई जोबड़ी है ये, वो विस्फोटक है ओर मै बवाल हु