सौदा मुनाफा का हो तो नाज़ करती है ये दुनिया
क्या कहूं कितना परेशां करती है ये दुनिया
तोड़ दी गुलुक
तोड़ दिया दिल भी
हद है की अश्क़ो का सौदा करती है ये दुनिया
मेरा वजूद कोई मुकर्रर तो नहीं इस हुजूम में
फिर भो बदनाम करती है ये दुनिया
एक वो गया है नींदे हराम कर के
दूजा जीना हराम करती है दुनिया
क्या कहूं कितना परेशां करती है ये दुनिया
तोड़ दी गुलुक
तोड़ दिया दिल भी
हद है की अश्क़ो का सौदा करती है ये दुनिया
मेरा वजूद कोई मुकर्रर तो नहीं इस हुजूम में
फिर भो बदनाम करती है ये दुनिया
एक वो गया है नींदे हराम कर के
दूजा जीना हराम करती है दुनिया