पुराने कुर्ते सा फट गया हु
बिन कैंची के ही कट गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
हसकर रो गया हु
ज़िक्र होते हे तेरा खो गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
साँस ले रहा हु मगर मर गया हु
सुकून है अंधेरो में ,रोशिनियो से कुछ दर गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
ये आपा-धापी में फस गया हु
टूटे हुए घर सा बस गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
तेरी यादो में थक गया हु
जगरातों में पक गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
की जब तन्हाई भी साथ मेरा छोड़ गयी है
परछाई मझसे मुँह मोड़ गयी है
मैले पानी सा सड़ गया हु
करो कुछ तो रेहम आखिर कितना अकेला पड़ गया हु
बिन कैंची के ही कट गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
हसकर रो गया हु
ज़िक्र होते हे तेरा खो गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
साँस ले रहा हु मगर मर गया हु
सुकून है अंधेरो में ,रोशिनियो से कुछ दर गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
ये आपा-धापी में फस गया हु
टूटे हुए घर सा बस गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
तेरी यादो में थक गया हु
जगरातों में पक गया हु
देखो ना कितना अकेला पड़ गया हु
की जब तन्हाई भी साथ मेरा छोड़ गयी है
परछाई मझसे मुँह मोड़ गयी है
मैले पानी सा सड़ गया हु
करो कुछ तो रेहम आखिर कितना अकेला पड़ गया हु